Sunday, 24 July 2016

Zakir Naik's comment on Sai Baba



Download PDF Format Of This Article ...
Zakir Naik's comment on Sai Baba pdf )
...............................................
 विडियो देखे - zakir naik ka kala jaadu ? VIDEO 

इंसान का सिर तो चकराएगा , जब कोई अरब निवासी चाँद के दो टूकड़े कर जाएगा ?
नमस्कार मित्रों , आईये इस्लामिक डॉ ज़ाकिर नाईक का लॉजिक सुने ,की इस्लाम के पैगम्बर के अलावा कोई भी चमत्कार करे या दिव्य शक्ति का प्रदर्शन करे तो वो "हाथ की सफाई है" ? जैसे इन्होने साईं बाबा को हाथ की सफाई करने वाला बताया।

मैं जादुई शक्ति या चमत्कार को नहीं मानता क्योकि मेरा सनातन धर्म ग्रन्थ "वेद" इनसभी चीजो का समर्थन नहीं करता , वेद सिर्फ विज्ञान का समर्थन करता है। 

लेकिन इनके मोहम्मद पैगम्बर और उनके पहले वाले पैगम्बर चमत्कार करते थे , ये ज़ाकिर भाई खुद सामने बैठ के चमत्कार देखते होंगे शायद। इनका ये भी कहना है की पेड़ पौधे को भी दर्द होता है ? आपको बता दे ये ज़ाकिर भाई MBBS की शिक्षा प्राप्त कर चुके है। 

आज ज़ाकिर भाई को दो प्रश्न के उत्तर दिए जाएंगे बिलकुल इस वीडियो से ही।  
प्रश्न 1: क्या पैगम्बर मोहम्मद नकली पैगम्बर थे ?
प्रश्न २: क्या पेड़-पौधे को दर्द का एहसास हो सकता है ?

 नोट:- इस ब्लॉग में सारे रेफरेंस या सबूत इस्लाम के प्रामाणिक हदीसों से लिया गया है।  जिनको भी लगता की इसमें गलत शब्द उपयोग किये गए है , वो पहले अपनी प्रामाणिक हदीसे को किसी मौलाना के पास ले जाके उसमे आग लगा आये। 

प्रश्न 1: क्या पैगम्बर मोहम्मद नकली पैगम्बर थे ?

उत्तर: आप खुद मूल्यांकन करे - याद रखे वेद हमेशा आपको अपना मस्तिक का उपयोग करने की शिक्षा देता है , कभी भी बेकार की कहानी को बिना जांचे परखे सच न माने। 

इनके पैगम्बर मोहम्मद साहब ने चाँद के दो टुकड़े कर डाले थे , ये देखिये सबूत नीचे। .. 

एक बार जब रसूल मीना‬ की पहाड़ी पर खड़े हुए थे तो उन्होंने अपनी उंगली से चाँद के दो टुकडे कर दिए .एक टुकड़ा पहाड़ी की एक तरफ गिरा और दूसरा टुकड़ा दूसरी तरफ गिर गया --{मुस्लिम - किताब 39 हदीस 6725 , 6726 ,और 6728}

अब देखते है नासा के वैज्ञानिक  इस बेवकूफी भरे अफवाह पर क्या कहे थे। 
http://wikiislam.net/wiki/Islam_and_Miracles#Splitting_the_Moon )

NASA scientists have stated that no evidence exists to support the claim of the Moon being split into two or more parts in the past. In 2010, NASA scientist Brad Bailey commented, "My recommendation is to not believe everything you read on the internet. Peer-reviewed papers are the only scientifically valid sources of information out there. No current scientific evidence reports that the Moon was split into two (or more) parts and then reassembled at any point in the past.

अब संक्षिप्त में मुहम्मद के आदर्श कार्यों या सद्गुणों (दुर्गुणों )के नमूने देखिये -


1 -यहूदी द्वेषी (Antismetic )
"अबू हुरेरा ने कहा कि रसूल ने कहा कि जब तक हम ईसाइयों और यहूदियों का जमीन से सफाया नहीं करेंगे ,फैसले का अंतिम दिन नहीं आयेगा .इस लिए यहूदियों और ईसाइयों को क़त्ल करो .अगर वह किसी पत्थर या पेड़ के अन्दर भी छुप जायेंगे तो पेड़ बोल लार उनका पता दे देगा .लेकिन "गरकाद"का पेड़ चुप रहेगा .क्योंकि वह खुद यहूदी है .मुस्लिम-किताब 41 हदीस 6985 ,बुखारी -जिल्द 4 किताब 56 हदीस 791

2 -जादू ग्रस्त (Bewictched )
"आयशा ने कहा कि ,बनू जुरैक के कबीले के एक यहूदी लाबिद बिन अल असाम ने रसूल रसूल पर जादू कर दिया था .जिस से वह दीवाने हो गए थे .उनके मुंह से गलत आयते निकलती थीं .ऎसी हालत कई महीनों तक रही .जब हमने टोटका किया तो वे ठीक हुए .". मुस्लिम -किताब 26 हदीस 5428

3 -रिश्वतबाज (Briber )
"कुरेश के लोगों ने रसूल से शिकायत की ,कि आप लूट के मॉल से "नज्द "के सरदार को रिश्वत देते है ,लेकिन हमें कुछ नहीं देते .रसूल ने कहा कि मैं ऐसा इस लिए करता हूँ ,ताकि वह लोगों को इस्लाम के प्रति आकर्षित करे.बुखारी -जिल्द 4 किताब 55 हदीस 558

4 -बाल उत्पीड़क (Child Abuser )
"अस सुब्र ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,जैसे ही तुम्हारे बच्चे 6 साल के हो जाएँ ,तो उनसे नमाज पढाओ ,और रसूल पर दरूद पढ़ने को कहो.अगर वह ऐसा न करें तो उनकी बेंतों से धुनाई करो .अबू दाऊद-किताब 2 हदीस 294 और 295

5 -बाल हत्यारा (Child Killer )
"अल अतिया अल कारजी ने कहा कि ,जब रसूल ने बनू कुरेजा के कबीले पर हमला किया था ,तो हरेक बच्चे के कपडे उतार कर जाँच की ,जिन बच्चों के नीचे के बाल (Pubic hair ) निकल रहे थे ,उन सब बच्चों को क़त्ल करा दिया गया .उस वक्त मेरे बाल नहीं उगे थे ,इसलए मैं बच गया था .मुस्लिम -किताब 38 हदीस 4390

"अस सबा बिन जसमा ने कहा कि ,रसूल ने "अल अबबा"की जगह पर काफिरों के साथ उनके बच्चों को भी क़त्ल कर दिया था .और औरतों को कैद करके लोगों में बाँट दिया था .बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 256

6 -स्त्री वेशधारी (Cross Dresser )
"अब्दुला बिन अब्दुल वहाब ने कहा कि ,एक बार मैं रसूल के घर गया ,मैं उनको तोहफा देने गया था .रसूल ने उमे सलमा सेकहा कि ,मुझे परेशां नहीं करो इस वक्त मैं आयशा के कपडे पहिने हुए हूँ ,जैसा हमेशा करता हूँ .मुस्लिम -किताब 2 हदीस 3941

7 -तिरस्कृत (Dispraised )
"अबू हुरैरा ने कहा कि ,कुरैश के लोग मुहम्मद को रसूल नहीं बल्कि पाखंडी मानते थे .और उसे धिक्कारते थे .वे मुहम्मद को "मुहम्मम "कह कर मजाक उड़ाते थे .बुखारी -जिल्द 4 किताब 56 हदीस 733

8 -अहंकारी (Egoist )
"अबू सईद बिन मुल्ला नेकहा कि ,एक बार मैं नमाज पढ़ रहा था .तभी रसूल ने मुझे पुकारा .मैनेनाहीं सुना ,जब रसूल ने चार पांच बार पुकारा तो मैं उनके पास गया .रसूल ने कहा कि नमाज से जादा रसूल की बात सुनना जरूरी है ,उसी समय रसूल ने यह आयत बना दी थी .जिसमे कहा गया है "अपने रसूल की बात पाहिले सुनो .कुरआन -सूरा अल अन आम 8 :24 "बुखारी -जिल्द 6 किताब 60 हदीस 226
बुखारी -जिल्द 6 किताब 60 हदीस 1 .और बुखारी -जिल्द 6 किताब 60 हदीस 170

9 -द्वेष प्रचारक (Hate Preacher )
"अबू जर ने कहा कि रसूल ने कहा कि ,अल्लाह ने मुझे दुनिया में नफ़रत फैलाने का काम सौंपा कर लिए भेजा है.और अल्लाह के नाम पर लोगों के बीच नफ़रत फैलाना उत्तम काम है.इसा से ईमान पुख्ता होता है .नफ़रत ईमान का हिस्सा है.अबू दाऊद-किताब 40 हदीस 4582 -4583 .

10 - खुशामद पसंद(Magalomaniac )
"अबू हुरैरा ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि,जब तक तुम अपने बाप और बच्चों से अधिक मुझे अपना अजीज नहीं मानते ,मुसलमान नहीं बन सकते.तुम सारी दुनिया और अपने बाप और बच्चों से मुझे अपना हितैषी मानो.बुखारी -जिल्द 1 किताब 2 हदीस 12 और 13

11 -मोटा और स्थूल (ओबेसे )
"अबू बाजरा ने कहा कि एक बार रसूल को मोटापे के कारण एक पड़ी पर चढ़ने में तकलीफ हो रही थी ,ताल्हा बिन अबू उबैदुल्ला ने मुस्लिम नामके एक आदमी से कुछ लोगों बुलवाया ,और कहा देखो यह रसूल तुम्हारा बोझा हैं ,जो काफी भारी है .इसे ध्यान से ऊपर उठाना .फिर उन लोगों ने रसूल को ऊपर चढ़ाया.अबू दाऊद-कताब 40 हदीस 4731

12 -लुटेरा (Plundarer )
"जबीर बिन अब्दुल्ला ने कहा कि रसूल ने कहा कि ,अल्लाह ने मेरे लिए लूट का माल हलाल कर दिया है.बुखारी -जिल्द 4 किताब 53 हदीस 351

13 -चरित्रहीन(Characterless )
"आयशा ने कहा कि रसूल के कई औरतों से गलत सम्बन्ध थे.फिर भी वह दूसरी औरतों को बुला लेते थे.और अपनी औरतों के लिए समय और दिन तय कर देते थे.पूछने पर कहते थे ,तुम चिंता नहीं करो ,तुम्हारी बारी तुम्हीं को मिलेगी .अगर मैं अल्लाह इच्छा पूरी करता हूँ ,तो तुम्हें जलन नहीं होना चाहिए .बुखारी -जिल्द 6 किताब 60 हदीस 311
(नोट -इसी बात पर कुरान की सुरा -अहजाब 33 :51 नाजिल हुई थी)

14 -नस्लवादी (Racist )
"अनस बिन मालिक ने कहा कि रसूल ने कहा कि ,हर एक गुलाम को अपने मालिक के हरेक आदेश पा पालन करना चाहिए .और हरेक काले लोग (Negro )हबशी दास होने के योग्य हैं.क्योंकि उनका रंग काले सूखे अंगूर की तरह (Raisin )की तरह है .बुखारी - जिल्द 9 किताब 89 हदीस 256 .और बुखारी -जिल्द 1 किताब 11 हदीस 662 और 664

15 -कामरोगी(Sex Addict )
"अनस बिन मालिक ने कहा कि ,रसूल बारी बारी से लगातार अपनी पत्नियों और दसियों से सम्भोग करते थे ,फिर भी उनकी वासना बनी रहती थी .बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 142 .

"अनस बिन मालिक ने कहा कि ,रसूल बारी बारी से हरेक औरत के साथ सम्भोग कर्राते थे .लेकिन उनकी वासना शांत नहीं होती थी .और जब भी युद्ध में औरतें पकड़ी जाती थीं ,रसूल उनके साथ सम्भोग जरुर करते थे.बुखारी -जिल्द 1 किताब 5 हद्दीस 268

16 -गुलामों का शौकीन (Slaver)
मुहम्मद को गुलाम रखने का शौक था .वह गुलाम बनाता भी था और उनका व्यापार भी करता था .मुहमद के पास मर्द और औरत गुलाम थे .कूछ के नाम इस प्रकार हैं -
मर्द गुलाम -साकन,अबू सरह ,अफ़लाह,उबैद ,जकवान ,तहमान,मिरवान,हुनैन ,सनद ,फदला,यामनीन,अन्जशा अल हादी ,मिदआम ,करकरा ,अबू रफी ,सौवान,अब कवशा,सलीह ,रवाह ,यारा ,नुवैन ,फजीला ,वकीद ,माबुर,अबू बकीद,कासम ,जैदइब्ने हरीस ,और महरान .
स्त्री गुलाम -सलमा उम्मे रफी ,मैमूना बिन्त असीब ,मैमूना बिन्त साद ,खदरा ,रिजवा ,रजीना,उम्मे दबीरा ,रेहाना ,और अन्य जो भेंट में मिली थीं

17 -हताश (Hopeless )
"अबू हुरैरा ने कहा कि ,जब मुहम्मद के उस्ताद "वर्का बिन नौफिल "मर गए तो ,कुरआन की आयतें आना बंधो गयीं थीं .और रसूल इतने हताश हो गए कि ,वे आत्महत्या के लिए एक पहाड़ी पर चढ़ गए थे.क्योंकि कई महीनों से कोई नई आयत नहीं बनी थी .बाद में रसूल ने अपना इरादा बदल लिया था .और कोई दूसरा उपाय खोज लिया था ..बुखारी -जिल्द 9 किताब 87 हदीस 111

18 -आतंकवादी (Terrorist )
"अबू हुरैरा ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,मुझे अल्लाह ने आदेश दिया है कि मैं लोगों के दिलों में दहशत पैदा कर दूँ ,ताकि लोग भयभीत होकर अपने खजाने और सत्ता मेरे हाथों में सौंप दें .बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 220

19 -अत्याचारी (Torturer )
"अबू हुरैरा ने कहा कि,एक ग्रामीण ने रसूल को "अबे मुहम्मद "कहकर पुकारा ,रसूल ने उसकी जीभ काटने का हुक्म देदिया था .और लोगों ने उसे पकड़ कर उसकी जीभ काट दी 
.इब्ने इशाक -हदीस 595

"अबू हुरैरा ने कहा कि ,एक मुआज्जिन ने ईशा कि नमाज में अजान देने में देर कर दी ,रसूल ने उसको उसके घर सहित जिन्दा जलवा दिया .और वह माफ़ी मांगता रहा .
बुखारी -जिल्द 1 किताब 11 हदीस 626

20 -गन्दा (Unclean )
"अनस बिन मालिक ने कहा कि ,रसूल के सिर में जुएँ (Lice )भरी रहती थी ,वे नहीनों नही नहाते थे .और "उम्मे हरम "रसूल के सिर से जुएँ निकालती थी .उम्मे हरम "उदबा बिन अस साबित "की पत्नी थी .उसका काम रसूल के जुएँ निकालना था .बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 47

21 -अशिष्ट (Mannerless )
"आयशा ने कहा कि ,एक बार "अल अवाली "गाँव केलोग रसूल का दर्शन करने के लिए आये .वे काफी दूर से पैदल आये थे ,और थके हुए थे .और आराम करना चाहते थे .रसूल ने उनको गाली देकर भगा दिया .बुखारी -जिल्द 2 किताब 13 हदीस 25

22 -पत्नी पीडक (Wife Beater )
"मुहम्मद बिन किस ने कहा कि ,आयशा ने बताया कि एक बार रसूल रत को चुपचाप "अल बाक़ी "के कब्रिस्तान में चले गए.मैंने उनका पीछा किया .रसूल अजीब सी हरकतें कर रहे थे ,और हाथ हिला कर किसी से बातें कर रहे थे ,मैं चुपचाप जल्दी से घर आ गयी ,जब मैंने रसूल से इसके बारे में पूछा तो ,वह नाराज हो गए ,और मुझे नीचे पटक कर गिरा दिया .फिर मेरे दानों स्तनों पर घूंसे मारने लगे .जिस से मुझे कई दिनों तक दर्द होता रहा .सही मुस्लिम -किताब 4 हदीस 2127

23 -धनलोभी(Greedy )
"अल मसूद अल अंसार ने कहा कि ,हम रसूल के आदेश से बाजारों में जाते थे ,और जकात के बहाने दुकान में जोभी होताथा उठा लेते थे .यदि धन नहीं मिलाता तो अनाज या कपडे उठा लेते थे .रसूल कहते थे एक ऐसा समय था ,जब मैं गरीब था .लेकिन आज मेरे पास हजारों दीनार हैं .तो कल मेरे पास सौ हजार दीनारें होंगीं .बुखारी -जिल्द 2 किताब 24 हदीस 497
हम चाहते है

वैसे तो हज़ारो है , अगले ब्लॉग में और भी नकली पैग़म्बरी की पोल खुलेगी , फ़िलहाल दुनियाँ क्यों दहशत में है ? ये तो पता चल गया होगा। हमलोग देख रहे है की कैसे मुस्लिम आतंकवादी/दहशतगर्दी लोग सामूहिक बलात्कार करते है। अब क्यों करते है ? इसको जाने। .... 


कुरान के अनुसार मुसलमानों को वही काम करना चाहिए जो मुहम्मद ने किये थे .कुरान में लिखा है- 

प्रश्न २: क्या पेड़-पौधे को दर्द का एहसास हो सकता है ?

उत्तर:- ज़ाकिर भाई आप मदरसे में शायद MBBS कर लिए है , पेड़-पौधे को दर्द का एहसास नहीं होता
देखिये आज विज्ञान भी इस बात को मानता है और हमारे ऋषि मुनि भी वैज्ञानिक बाते ही करते थे।


As far as I know no reputable study has ever shown that plants can "feel pain". They lack the nervous system and brain necessary for this to happen. A plant can respond to stimuli, for example by turning towards the light or closing over a fly, but that is not the same thing.  

Plant perception or biocommunication is the paranormal idea that plants are sentient, that they respond to humans in a manner that amounts to ESP, and that they experience pain and fear. The idea is not accepted, as plants lack a nervous system.

संसार में दो प्रकार के जगत हैं जड़ और चेतन. चेतन जगत में दो विभाग हैं एक चर और एक अचर. वृक्ष आदि अचर कोटि में आते हैं जबकि मानव पशु आदि चर कोटि में आते हैं.

महाभारत के अनुसार वृक्ष आदि में वनस्पति, औषधि, गुल्म, गुच्छ, लता, वल्ली, तृण आदि अनेक प्रजातियाँ हैं. (सन्दर्भ- ५८.२३)
मनु स्मृति में बीज या शाखा से उत्पन्न होने वाले को उदभिज्ज स्थावर बीज कहा गया हैं (सन्दर्भ- १.४६)
मनु स्मृति के अनुसार मनुष्य जब शरीर से पापाचरण करता हैं तो उसके फलस्वरूप अगले जन्म में वृक्ष आदि का जन्म पाता हैं (सन्दर्भ- १२.९)
मनु स्मृति के अनुसार जो मनुष्य अत्यंत तमोगुणी आचरण करते हैं या अत्यंत तमोगुणी प्रवृति के होते हैं तो उसके फल स्वरुप वे अगले जन्म में स्थावर = वृक्ष, पतंग, कीट ,मत्स्य , सर्प, कछुआ, पशु और मृग के जन्म को प्राप्त होते हैं.(सन्दर्भ- १२.४२)

आगे मनु महाराज स्पष्ट रूप में घोषणा करते हैं की पूर्वजन्मों के अधम कर्मों के कारण वृक्ष आदि स्थावर जीव अत्यंत तमोगुण से अवेषटित होते हैं. इस कारण ये अंत: चेतना वाले होते हुए आन्तरिक रूप से ही कर्म फल रूप सुख दुःख की अनुभूति करते हैं.वाह्य सुख सुख की अनुभूति इनको नगण्य रूप से होती हैं अथवा बिलकुल नहीं होती.

आधुनिक विज्ञान में वृक्षों में जीव विषयक मत की पुष्टि डॉ जगदीश चन्द्र बसु जीवात्मा के रूप में न करके चेतनता के रूप में करते हैं. देखा जाये तो दोनों में मूलभूत रूप से कोई अंतर नहीं होता क्यूंकि चेतनता जीव का लक्षण हैं. भारतीय दर्शन सिद्धांत के अनुसार जहाँ चेतनता हैं वही जीव हैं और जहाँ जीव हैं वही चेतनता हैं.
आधुनिक विज्ञान वृक्षों में जीव इसलिए नहीं मानता हैं क्यूंकि वो केवल उसी बात को मानता हैं जिसे प्रयोगशाला में सिद्ध किया गया हैं और जीवात्मा को कभी भी प्रयोगशाला में सिद्ध नहीं किया जा सकता.

डॉ जगदिश चन्द्र बसु पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने ऐसे यंत्रों का अविष्कार किया वृक्षों पौधों में वायु, निद्रा,भोजन, स्पर्श आदि के जैविक प्रभावों का अध्यनन किया जा सकता हैं.
यहाँ तक शास्त्रों के आधार पर यह सिद्ध किया गया हैं की वृक्ष आदि में आत्मा होती हैं.अब शास्त्रों के आधार पर यह सिद्ध करेंगे की वृक्ष आदि के काटने में अथवा पौधों आदि को जड़ से उखारने में हिंसा नहीं होती हैं.

संख्या दर्शन ५.२७ में लिखा हैं की पीड़ा उसी जीव को पहुँचती हैं जिसकी वृति सब अवयवों के साथ विद्यमान हो अर्थात सुख दुःख की अनुभूति इन्द्रियों के माध्यम से होती हैं. जैसे अंधे को कितना भी चांटा दिखाए , बहरे को कितने भी अपशब्द बोले तो उन्हें दुःख नहीं पहुँचता वैसे ही वृक्ष आदि भी इन्द्रियों से रहित हैं अत: उन्हें दुःख की अनुभूति नहीं होती. इसी प्रकार बेहोशी की अवस्था में दुःख का अनुभव नहीं होता उसी प्रकार वृक्ष आदि में भी आत्मा को मूर्च्छा अवस्था के कारण दर्द अथवा कष्ट नहीं होता हैं. और यहीं कारण हैं की दुःख की अनुभूति नहीं होने से वृक्ष आदि को काटने, छिलने, खाने से कोई पाप नहीं होता और इससे जीव हत्या का कोई भी सम्बन्ध नहीं बनता.

भोजन का ईश्वर कृत विकल्प केवल और केवल शाकाहार हैं और इस व्यस्था में कोई पाप नहीं होता. जबकि मांसाहार पाप का कारण हैं-
मनु ५.४८ के अनुसार प्राणियों के वध से मांस उपलब्ध होता हैं, बिना प्राणिवध किये मांस नहीं मिलता और प्राणियों का वध करना दुःख भोग का कारण हैं, अत: मांस का सेवन नहीं करना चाहिए.

ईश्वर की वाणी वेद का प्रमाण है कि —
१. मांसं न अश्नीयात् ॥ अर्थः मांस मत खाओ । २. मा नो हिंसिष्ट द्‍विपदो मा चतुष्पदः ॥ अथर्व॰ ११ । २ । १ ॥ अर्थः दो पग वाले (मनुष्य, पक्षी आदि) और चार पगवाले पशुओं को मत मारो । ३. इमं मा हिंसीर्द्‍विपाद पशुम् ॥ यजु॰ १३ । ४७ ॥ अर्थः इस दो खुर वाले पशु की हिंसा मत करो ।


3 comments:

  1. तुम्हारे हनुमान जी, सूरज को बचपन मे खा जाते है सिर्फ पुराण में, लेकिन साइंस में कही भी जिक्र नही आता ,अगर मोहम्द साब ने चांद के 2 टुकड़े कर दिए और साइंस उस बात को मां रहा है तो खुजली केसी,,,,,,

    ReplyDelete
  2. दूसरी बात वाकई अगर तेरे पास नॉलेज है तो जाकिर नैक से डिबेट कर ओर उन्हें गलत साबित कर।।।।।हम तेरी बात मान लेंगे,जो तूने कहा ह

    ReplyDelete
  3. और जिस हदीस का सबूत दे रहा नेट पे क्यों दे रहा लाइव प्रोग्राम कर, ओर जाकिर नैक को बुला ओर डिबेट कर पता लग जयगे पिछवाड़े में कितना दम ह

    ReplyDelete