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( Zakir Naik's comment on Sai Baba pdf )
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विडियो देखे - zakir naik ka kala jaadu ? VIDEO
इंसान का सिर तो चकराएगा , जब कोई अरब निवासी चाँद के दो टूकड़े कर जाएगा ?
नमस्कार मित्रों , आईये इस्लामिक डॉ ज़ाकिर नाईक का लॉजिक सुने ,की इस्लाम के पैगम्बर के अलावा कोई भी चमत्कार करे या दिव्य शक्ति का प्रदर्शन करे तो वो "हाथ की सफाई है" ? जैसे इन्होने साईं बाबा को हाथ की सफाई करने वाला बताया।
मैं जादुई शक्ति या चमत्कार को नहीं मानता क्योकि मेरा सनातन धर्म ग्रन्थ "वेद" इनसभी चीजो का समर्थन नहीं करता , वेद सिर्फ विज्ञान का समर्थन करता है।
नमस्कार मित्रों , आईये इस्लामिक डॉ ज़ाकिर नाईक का लॉजिक सुने ,की इस्लाम के पैगम्बर के अलावा कोई भी चमत्कार करे या दिव्य शक्ति का प्रदर्शन करे तो वो "हाथ की सफाई है" ? जैसे इन्होने साईं बाबा को हाथ की सफाई करने वाला बताया।
मैं जादुई शक्ति या चमत्कार को नहीं मानता क्योकि मेरा सनातन धर्म ग्रन्थ "वेद" इनसभी चीजो का समर्थन नहीं करता , वेद सिर्फ विज्ञान का समर्थन करता है।
लेकिन इनके मोहम्मद पैगम्बर और उनके पहले वाले पैगम्बर चमत्कार करते थे , ये ज़ाकिर भाई खुद सामने बैठ के चमत्कार देखते होंगे शायद। इनका ये भी कहना है की पेड़ पौधे को भी दर्द होता है ? आपको बता दे ये ज़ाकिर भाई MBBS की शिक्षा प्राप्त कर चुके है।
आज ज़ाकिर भाई को दो प्रश्न के उत्तर दिए जाएंगे बिलकुल इस वीडियो से ही।
प्रश्न 1: क्या पैगम्बर मोहम्मद नकली पैगम्बर थे ?
प्रश्न २: क्या पेड़-पौधे को दर्द का एहसास हो सकता है ?
नोट:- इस ब्लॉग में सारे रेफरेंस या सबूत इस्लाम के प्रामाणिक हदीसों से लिया गया है। जिनको भी लगता की इसमें गलत शब्द उपयोग किये गए है , वो पहले अपनी प्रामाणिक हदीसे को किसी मौलाना के पास ले जाके उसमे आग लगा आये।
प्रश्न 1: क्या पैगम्बर मोहम्मद नकली पैगम्बर थे ?
उत्तर: आप खुद मूल्यांकन करे - याद रखे वेद हमेशा आपको अपना मस्तिक का उपयोग करने की शिक्षा देता है , कभी भी बेकार की कहानी को बिना जांचे परखे सच न माने।
इनके पैगम्बर मोहम्मद साहब ने चाँद के दो टुकड़े कर डाले थे , ये देखिये सबूत नीचे। ..
एक बार जब रसूल मीना की पहाड़ी पर खड़े हुए थे तो उन्होंने अपनी उंगली से चाँद के दो टुकडे कर दिए .एक टुकड़ा पहाड़ी की एक तरफ गिरा और दूसरा टुकड़ा दूसरी तरफ गिर गया --{मुस्लिम - किताब 39 हदीस 6725 , 6726 ,और 6728}
अब देखते है नासा के वैज्ञानिक इस बेवकूफी भरे अफवाह पर क्या कहे थे।
( http://wikiislam.net/wiki/Islam_and_Miracles#Splitting_the_Moon )
NASA scientists have stated that no evidence exists to support the claim of the Moon being split into two or more parts in the past. In 2010, NASA scientist Brad Bailey commented, "My recommendation is to not believe everything you read on the internet. Peer-reviewed papers are the only scientifically valid sources of information out there. No current scientific evidence reports that the Moon was split into two (or more) parts and then reassembled at any point in the past.
NASA scientists have stated that no evidence exists to support the claim of the Moon being split into two or more parts in the past. In 2010, NASA scientist Brad Bailey commented, "My recommendation is to not believe everything you read on the internet. Peer-reviewed papers are the only scientifically valid sources of information out there. No current scientific evidence reports that the Moon was split into two (or more) parts and then reassembled at any point in the past.
अब संक्षिप्त में मुहम्मद के आदर्श कार्यों या सद्गुणों (दुर्गुणों )के नमूने देखिये -
"अबू हुरेरा ने कहा कि रसूल ने कहा कि जब तक हम ईसाइयों और यहूदियों का जमीन से सफाया नहीं करेंगे ,फैसले का अंतिम दिन नहीं आयेगा .इस लिए यहूदियों और ईसाइयों को क़त्ल करो .अगर वह किसी पत्थर या पेड़ के अन्दर भी छुप जायेंगे तो पेड़ बोल लार उनका पता दे देगा .लेकिन "गरकाद"का पेड़ चुप रहेगा .क्योंकि वह खुद यहूदी है .मुस्लिम-किताब 41 हदीस 6985 ,बुखारी -जिल्द 4 किताब 56 हदीस 791
2 -जादू ग्रस्त (Bewictched )
"आयशा ने कहा कि ,बनू जुरैक के कबीले के एक यहूदी लाबिद बिन अल असाम ने रसूल रसूल पर जादू कर दिया था .जिस से वह दीवाने हो गए थे .उनके मुंह से गलत आयते निकलती थीं .ऎसी हालत कई महीनों तक रही .जब हमने टोटका किया तो वे ठीक हुए .". मुस्लिम -किताब 26 हदीस 5428
3 -रिश्वतबाज (Briber )
"कुरेश के लोगों ने रसूल से शिकायत की ,कि आप लूट के मॉल से "नज्द "के सरदार को रिश्वत देते है ,लेकिन हमें कुछ नहीं देते .रसूल ने कहा कि मैं ऐसा इस लिए करता हूँ ,ताकि वह लोगों को इस्लाम के प्रति आकर्षित करे.बुखारी -जिल्द 4 किताब 55 हदीस 558
4 -बाल उत्पीड़क (Child Abuser )
"अस सुब्र ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,जैसे ही तुम्हारे बच्चे 6 साल के हो जाएँ ,तो उनसे नमाज पढाओ ,और रसूल पर दरूद पढ़ने को कहो.अगर वह ऐसा न करें तो उनकी बेंतों से धुनाई करो .अबू दाऊद-किताब 2 हदीस 294 और 295
5 -बाल हत्यारा (Child Killer )
"अल अतिया अल कारजी ने कहा कि ,जब रसूल ने बनू कुरेजा के कबीले पर हमला किया था ,तो हरेक बच्चे के कपडे उतार कर जाँच की ,जिन बच्चों के नीचे के बाल (Pubic hair ) निकल रहे थे ,उन सब बच्चों को क़त्ल करा दिया गया .उस वक्त मेरे बाल नहीं उगे थे ,इसलए मैं बच गया था .मुस्लिम -किताब 38 हदीस 4390
"अस सबा बिन जसमा ने कहा कि ,रसूल ने "अल अबबा"की जगह पर काफिरों के साथ उनके बच्चों को भी क़त्ल कर दिया था .और औरतों को कैद करके लोगों में बाँट दिया था .बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 256
6 -स्त्री वेशधारी (Cross Dresser )
"अब्दुला बिन अब्दुल वहाब ने कहा कि ,एक बार मैं रसूल के घर गया ,मैं उनको तोहफा देने गया था .रसूल ने उमे सलमा सेकहा कि ,मुझे परेशां नहीं करो इस वक्त मैं आयशा के कपडे पहिने हुए हूँ ,जैसा हमेशा करता हूँ .मुस्लिम -किताब 2 हदीस 3941
7 -तिरस्कृत (Dispraised )
"अबू हुरैरा ने कहा कि ,कुरैश के लोग मुहम्मद को रसूल नहीं बल्कि पाखंडी मानते थे .और उसे धिक्कारते थे .वे मुहम्मद को "मुहम्मम "कह कर मजाक उड़ाते थे .बुखारी -जिल्द 4 किताब 56 हदीस 733
8 -अहंकारी (Egoist )
"अबू सईद बिन मुल्ला नेकहा कि ,एक बार मैं नमाज पढ़ रहा था .तभी रसूल ने मुझे पुकारा .मैनेनाहीं सुना ,जब रसूल ने चार पांच बार पुकारा तो मैं उनके पास गया .रसूल ने कहा कि नमाज से जादा रसूल की बात सुनना जरूरी है ,उसी समय रसूल ने यह आयत बना दी थी .जिसमे कहा गया है "अपने रसूल की बात पाहिले सुनो .कुरआन -सूरा अल अन आम 8 :24 "बुखारी -जिल्द 6 किताब 60 हदीस 226
बुखारी -जिल्द 6 किताब 60 हदीस 1 .और बुखारी -जिल्द 6 किताब 60 हदीस 170
9 -द्वेष प्रचारक (Hate Preacher )
"अबू जर ने कहा कि रसूल ने कहा कि ,अल्लाह ने मुझे दुनिया में नफ़रत फैलाने का काम सौंपा कर लिए भेजा है.और अल्लाह के नाम पर लोगों के बीच नफ़रत फैलाना उत्तम काम है.इसा से ईमान पुख्ता होता है .नफ़रत ईमान का हिस्सा है.अबू दाऊद-किताब 40 हदीस 4582 -4583 .
10 - खुशामद पसंद(Magalomaniac )
"अबू हुरैरा ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि,जब तक तुम अपने बाप और बच्चों से अधिक मुझे अपना अजीज नहीं मानते ,मुसलमान नहीं बन सकते.तुम सारी दुनिया और अपने बाप और बच्चों से मुझे अपना हितैषी मानो.बुखारी -जिल्द 1 किताब 2 हदीस 12 और 13
11 -मोटा और स्थूल (ओबेसे )
"अबू बाजरा ने कहा कि एक बार रसूल को मोटापे के कारण एक पड़ी पर चढ़ने में तकलीफ हो रही थी ,ताल्हा बिन अबू उबैदुल्ला ने मुस्लिम नामके एक आदमी से कुछ लोगों बुलवाया ,और कहा देखो यह रसूल तुम्हारा बोझा हैं ,जो काफी भारी है .इसे ध्यान से ऊपर उठाना .फिर उन लोगों ने रसूल को ऊपर चढ़ाया.अबू दाऊद-कताब 40 हदीस 4731
12 -लुटेरा (Plundarer )
"जबीर बिन अब्दुल्ला ने कहा कि रसूल ने कहा कि ,अल्लाह ने मेरे लिए लूट का माल हलाल कर दिया है.बुखारी -जिल्द 4 किताब 53 हदीस 351
13 -चरित्रहीन(Characterless )
"आयशा ने कहा कि रसूल के कई औरतों से गलत सम्बन्ध थे.फिर भी वह दूसरी औरतों को बुला लेते थे.और अपनी औरतों के लिए समय और दिन तय कर देते थे.पूछने पर कहते थे ,तुम चिंता नहीं करो ,तुम्हारी बारी तुम्हीं को मिलेगी .अगर मैं अल्लाह इच्छा पूरी करता हूँ ,तो तुम्हें जलन नहीं होना चाहिए .बुखारी -जिल्द 6 किताब 60 हदीस 311
(नोट -इसी बात पर कुरान की सुरा -अहजाब 33 :51 नाजिल हुई थी)
14 -नस्लवादी (Racist )
"अनस बिन मालिक ने कहा कि रसूल ने कहा कि ,हर एक गुलाम को अपने मालिक के हरेक आदेश पा पालन करना चाहिए .और हरेक काले लोग (Negro )हबशी दास होने के योग्य हैं.क्योंकि उनका रंग काले सूखे अंगूर की तरह (Raisin )की तरह है .बुखारी - जिल्द 9 किताब 89 हदीस 256 .और बुखारी -जिल्द 1 किताब 11 हदीस 662 और 664
15 -कामरोगी(Sex Addict )
"अनस बिन मालिक ने कहा कि ,रसूल बारी बारी से लगातार अपनी पत्नियों और दसियों से सम्भोग करते थे ,फिर भी उनकी वासना बनी रहती थी .बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 142 .
"अनस बिन मालिक ने कहा कि ,रसूल बारी बारी से हरेक औरत के साथ सम्भोग कर्राते थे .लेकिन उनकी वासना शांत नहीं होती थी .और जब भी युद्ध में औरतें पकड़ी जाती थीं ,रसूल उनके साथ सम्भोग जरुर करते थे.बुखारी -जिल्द 1 किताब 5 हद्दीस 268
16 -गुलामों का शौकीन (Slaver)
मुहम्मद को गुलाम रखने का शौक था .वह गुलाम बनाता भी था और उनका व्यापार भी करता था .मुहमद के पास मर्द और औरत गुलाम थे .कूछ के नाम इस प्रकार हैं -
मर्द गुलाम -साकन,अबू सरह ,अफ़लाह,उबैद ,जकवान ,तहमान,मिरवान,हुनैन ,सनद ,फदला,यामनीन,अन्जशा अल हादी ,मिदआम ,करकरा ,अबू रफी ,सौवान,अब कवशा,सलीह ,रवाह ,यारा ,नुवैन ,फजीला ,वकीद ,माबुर,अबू बकीद,कासम ,जैदइब्ने हरीस ,और महरान .
स्त्री गुलाम -सलमा उम्मे रफी ,मैमूना बिन्त असीब ,मैमूना बिन्त साद ,खदरा ,रिजवा ,रजीना,उम्मे दबीरा ,रेहाना ,और अन्य जो भेंट में मिली थीं
17 -हताश (Hopeless )
"अबू हुरैरा ने कहा कि ,जब मुहम्मद के उस्ताद "वर्का बिन नौफिल "मर गए तो ,कुरआन की आयतें आना बंधो गयीं थीं .और रसूल इतने हताश हो गए कि ,वे आत्महत्या के लिए एक पहाड़ी पर चढ़ गए थे.क्योंकि कई महीनों से कोई नई आयत नहीं बनी थी .बाद में रसूल ने अपना इरादा बदल लिया था .और कोई दूसरा उपाय खोज लिया था ..बुखारी -जिल्द 9 किताब 87 हदीस 111
18 -आतंकवादी (Terrorist )
"अबू हुरैरा ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि ,मुझे अल्लाह ने आदेश दिया है कि मैं लोगों के दिलों में दहशत पैदा कर दूँ ,ताकि लोग भयभीत होकर अपने खजाने और सत्ता मेरे हाथों में सौंप दें .बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 220
19 -अत्याचारी (Torturer )
"अबू हुरैरा ने कहा कि,एक ग्रामीण ने रसूल को "अबे मुहम्मद "कहकर पुकारा ,रसूल ने उसकी जीभ काटने का हुक्म देदिया था .और लोगों ने उसे पकड़ कर उसकी जीभ काट दी
.इब्ने इशाक -हदीस 595
"अबू हुरैरा ने कहा कि ,एक मुआज्जिन ने ईशा कि नमाज में अजान देने में देर कर दी ,रसूल ने उसको उसके घर सहित जिन्दा जलवा दिया .और वह माफ़ी मांगता रहा .
बुखारी -जिल्द 1 किताब 11 हदीस 626
20 -गन्दा (Unclean )
"अनस बिन मालिक ने कहा कि ,रसूल के सिर में जुएँ (Lice )भरी रहती थी ,वे नहीनों नही नहाते थे .और "उम्मे हरम "रसूल के सिर से जुएँ निकालती थी .उम्मे हरम "उदबा बिन अस साबित "की पत्नी थी .उसका काम रसूल के जुएँ निकालना था .बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 47
21 -अशिष्ट (Mannerless )
"आयशा ने कहा कि ,एक बार "अल अवाली "गाँव केलोग रसूल का दर्शन करने के लिए आये .वे काफी दूर से पैदल आये थे ,और थके हुए थे .और आराम करना चाहते थे .रसूल ने उनको गाली देकर भगा दिया .बुखारी -जिल्द 2 किताब 13 हदीस 25
22 -पत्नी पीडक (Wife Beater )
"मुहम्मद बिन किस ने कहा कि ,आयशा ने बताया कि एक बार रसूल रत को चुपचाप "अल बाक़ी "के कब्रिस्तान में चले गए.मैंने उनका पीछा किया .रसूल अजीब सी हरकतें कर रहे थे ,और हाथ हिला कर किसी से बातें कर रहे थे ,मैं चुपचाप जल्दी से घर आ गयी ,जब मैंने रसूल से इसके बारे में पूछा तो ,वह नाराज हो गए ,और मुझे नीचे पटक कर गिरा दिया .फिर मेरे दानों स्तनों पर घूंसे मारने लगे .जिस से मुझे कई दिनों तक दर्द होता रहा .सही मुस्लिम -किताब 4 हदीस 2127
23 -धनलोभी(Greedy )
"अल मसूद अल अंसार ने कहा कि ,हम रसूल के आदेश से बाजारों में जाते थे ,और जकात के बहाने दुकान में जोभी होताथा उठा लेते थे .यदि धन नहीं मिलाता तो अनाज या कपडे उठा लेते थे .रसूल कहते थे एक ऐसा समय था ,जब मैं गरीब था .लेकिन आज मेरे पास हजारों दीनार हैं .तो कल मेरे पास सौ हजार दीनारें होंगीं .बुखारी -जिल्द 2 किताब 24 हदीस 497
हम चाहते है
वैसे तो हज़ारो है , अगले ब्लॉग में और भी नकली पैग़म्बरी की पोल खुलेगी , फ़िलहाल दुनियाँ क्यों दहशत में है ? ये तो पता चल गया होगा। हमलोग देख रहे है की कैसे मुस्लिम आतंकवादी/दहशतगर्दी लोग सामूहिक बलात्कार करते है। अब क्यों करते है ? इसको जाने। ....
कुरान के अनुसार मुसलमानों को वही काम करना चाहिए जो मुहम्मद ने किये थे .कुरान में लिखा है-
"जो रसूल की रीति चली आ रही है और तुम उस रीति(सुन्नत )में कोई परवर्तन नहीं पाओगे "सूरा -अल फतह 48 :23
"यह अल्लाह की रीति है यह तुम्हारे गुजर जाने के बाद भी चलती रहेगी .तुम इसमे कोई बदलाव नहीं पाओगे .सूरा -अहजाब 33 :62
"तुम यह नहीं पाओगे कि कभी अल्लाह की रीति को बदल दिया हो ,या टाल दिया गया हो .सूरा -फातिर 33 :62
यही कारण है कि मुसलमान अपनी दुष्टता नही छोड़ना चाहते,जिसे लोग पाप और अपराध मानते हैं ,मुसलमान उसे रसूल की सुन्नत औ अपना धर्म मानते है और उनको हर तरह के कुकर्म करने पर शर्म की जगह गर्व होता है .बलात्कार भी एक ऐसा काम है .जो जिहादी करते है -
1 -बलात्कार जिहादी का अधिकार है
"उकावा ने कहा की रसूल ने कहा कि जिहाद में पकड़ी गई औरतों से बलात्कार करना जिहादिओं का अधिकार है .
बुखारी -जिल्द 1 किताब 5 हदीस 282
"रसूल ने कहा कि अगर मुसलमान किसी गैर मुस्लिम औरत के साथ बलात्कार करते हैं ,तो इसमे उनका कोई गुनाह नहीं है .यह तो अल्लाह ने उनको अधिकार दिया है ,औ बलात्कार के समय औरत को मार मी सकते हैं"
बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 132
बुखारी -जिल्द 1 किताब 52 हदीस 220
2 -जिहाद में बलात्कार जरूरी है
सईदुल खुदरी ने कहा कि ,रसूल ने कहा कि सामूहिक बलात्कार करने से लोगों में इस्लाम की धाक बैठ जाती है .इसलिए जिहाद में बलात्कार करना बहुत जरूरी है .बुखारी जिल्द 6 किताब 60 हदीस 139
3 -बलात्कार से इस्लाम मजबूत होता है
"इब्ने औंन ने कहा कि,रसूल ने कहा कि किसी मुसलमान को परेशां करना गुनाह है ,और गैर मुस्लिमों को क़त्ल करना और उनकी औरतों के साथ बलात्कार करना इस्लाम को आगे बढ़ाना है.बुखारी -जिल्द 8 किताब 73 हदीस 70
"रसूल ने कहा कि मैंने दहशत और बलात्कार से लोगों को डराया ,और इस्लाम को मजबूत किया .बुखारी -जिल्द 4 किताब 85 हदीस 220
"रसूल ने कहा कि ,अगर काफ़िर इस्लाम कबूल नहीं करते ,तो उनको क़त्ल करो ,लूटो ,और उनकी औरतों से बलात्कार करो .और इस तरह इस्लाम को आगे बढ़ाओ और इस्लाम को मजबूत करो.बुखारी -जिल्द 4 किताब 54 हदीस 464
4 -माल के बदले बलात्कार
"रसूल ने कहा कि जो भी माले गनीमत मिले ,उस पर तुम्हारा अधिकार होगा .चाहे वह खाने का सामान हो या कुछ और .अगर कुछ नहीं मिले तो दुश्मनों कीऔरतों से बलात्कार करो ,औए दुश्मन को परास्त करो .बुखारी -जिल्द 7 किताब 65 हदीस 286 .
(नोट -इसी हदीस के अनुसार बंगलादेश के युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने बलात्कार किया था )
5 -बलात्कार का आदेश
"सैदुल खुदरी ने कहा कि रसूल ने अपने लोगों (जिहादियों )से कहा ,जाओ मुशरिकों पर हमला करो .और उनकी जितनी औरतें मिलें पकड़ लो ,और उनसे बलात्कार करो .इस से मुशरिकों के हौसले पस्त हो जायेंगे .बुखारी -जिल्द 3 किताब 34 हदीस 432
6 -माँ बेटी से एक साथ बलात्कार
"आयशा ने कहा कि .रसूल अपने लोगों के साथ मिलकर पकड़ी गई औरतों से सामूहिक बलात्कार करते थे .और उन औरतीं के साथ क्रूरता का व्यवहार करते थे .बुहारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 67
"सैदुल खुदरी ने कहा कि रसूल ने 61 औरतों से बलात्कार किया था .जिसमे सभी शामिल थे .औरतों में कई ऎसी थीं जो माँ और बेटी थीं हमने माँ के सामने बेटी से औए बेटी के सामने माँ से बलात्कार किया .मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3371 और बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 288
7 -बलात्कार में जल्दी नहीं करो
"अ ने कहा कि रसूल ने कहा कि ,पकड़ी गयी औरतो से बलात्कार में जल्दी नहीं करो .और बलात्कार ने जितना लगे पूरा समय लगाओ "
बुखारी -जिल्द 2 किताब 23 हदीस 446 .
"इब्ने औंन ने कहा कि,रसूल ने कहा कि किसी मुसलमान को परेशां करना गुनाह है ,और गैर मुस्लिमों को क़त्ल करना और उनकी औरतों के साथ बलात्कार करना इस्लाम को आगे बढ़ाना है.बुखारी -जिल्द 8 किताब 73 हदीस 70
"रसूल ने कहा कि मैंने दहशत और बलात्कार से लोगों को डराया ,और इस्लाम को मजबूत किया .बुखारी -जिल्द 4 किताब 85 हदीस 220
"रसूल ने कहा कि ,अगर काफ़िर इस्लाम कबूल नहीं करते ,तो उनको क़त्ल करो ,लूटो ,और उनकी औरतों से बलात्कार करो .और इस तरह इस्लाम को आगे बढ़ाओ और इस्लाम को मजबूत करो.बुखारी -जिल्द 4 किताब 54 हदीस 464
4 -माल के बदले बलात्कार
"रसूल ने कहा कि जो भी माले गनीमत मिले ,उस पर तुम्हारा अधिकार होगा .चाहे वह खाने का सामान हो या कुछ और .अगर कुछ नहीं मिले तो दुश्मनों कीऔरतों से बलात्कार करो ,औए दुश्मन को परास्त करो .बुखारी -जिल्द 7 किताब 65 हदीस 286 .
(नोट -इसी हदीस के अनुसार बंगलादेश के युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने बलात्कार किया था )
5 -बलात्कार का आदेश
"सैदुल खुदरी ने कहा कि रसूल ने अपने लोगों (जिहादियों )से कहा ,जाओ मुशरिकों पर हमला करो .और उनकी जितनी औरतें मिलें पकड़ लो ,और उनसे बलात्कार करो .इस से मुशरिकों के हौसले पस्त हो जायेंगे .बुखारी -जिल्द 3 किताब 34 हदीस 432
6 -माँ बेटी से एक साथ बलात्कार
"आयशा ने कहा कि .रसूल अपने लोगों के साथ मिलकर पकड़ी गई औरतों से सामूहिक बलात्कार करते थे .और उन औरतीं के साथ क्रूरता का व्यवहार करते थे .बुहारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 67
"सैदुल खुदरी ने कहा कि रसूल ने 61 औरतों से बलात्कार किया था .जिसमे सभी शामिल थे .औरतों में कई ऎसी थीं जो माँ और बेटी थीं हमने माँ के सामने बेटी से औए बेटी के सामने माँ से बलात्कार किया .मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3371 और बुखारी -जिल्द 4 किताब 52 हदीस 288
7 -बलात्कार में जल्दी नहीं करो
"अ ने कहा कि रसूल ने कहा कि ,पकड़ी गयी औरतो से बलात्कार में जल्दी नहीं करो .और बलात्कार ने जितना लगे पूरा समय लगाओ "
बुखारी -जिल्द 2 किताब 23 हदीस 446 .
अब जो लोग मुसलमानों और मुहम्मद को चरित्रवान और सज्जन बताने का दवा करते हैं ,वे एक बार फिर से विचार करे, इस्लाम में अच्छाई खोजना मल-मूत्र में सुगंध खोजने कि तरह है .आप एक बार मुस्लिम ब्लोगरो द्वारा इस्लाम और मुहम्मद के बारे में लिखी हुई झूठी बातों को पढ़िए फिर दिए तथ्यों पर विचार करके फैसला कीजिये।
"जब रसूल लूट के बाद मदीना वापस आये तो अपने साथ 44 औरतें लाये थे .जिनके पतियों को रसूल ने क़त्ल करवा दिया था. "
तबरी -किताब 7 हदीस 65
"अनस ने कहा कि ,खबर में सवेरा होने वाला ही था कि रसूल ने हमला कर दिया . कुछ लोग सो रहे थे.रसूल में मर्दों को क़त्ल करा दिया और औरतों को कैद कर लिया .उनमे एक औरत "साफिया "भी थी जो रसूल को भा गई ."बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 512
"सईदुल खुदरी ने कहा कि ,हमें लूट में काफी माल की उम्मीद थी .लेकिन औरतें ही हाथ में आयीं .हमने रसूल से पूछा कि इनका क्या करें .रसूल ने कहा इनसे सम्भोग जरुर करो .यह इसी लिए बनी हैं ."बुखारी -जिल्द 8 किताब 77 हदीस 600
सन 628 में मुहम्मद अपने हजारों लोगों के साथ मदीना से 90 मील दूर बनू कुरेजा नामके एक यहूदी कबीले पर लूट के लिए गया .कबीले के सरदार \”किनाना इब्न अल रबी इब्न अबू अल हयाक\”की शादी एक दिन पाहिले ही हुई थी .उसकी 20 साल की सुन्दर पत्नी \”जुबैरिया बिन्त हारिस इब्न अल मुस्तालिक \”से हुई थी जो सन 608 में मदीना में पैदा हुई थी .कनाना धर्मगुरु और कबीले का सरदार था .
8. मुहम्मद ने अचानक हमला करवाया
”इब्ने ओन ने कहा कि ,रसूल ने बनू कुरेजा पर बिना कारण अचानक हमला करवाया .उस समय कबीले के लोग जानवरों को पानी पिला रहे थे .बच्चे खेल रहे थे ,औरते कम में लगी थी .नबी के हुक्म से हम लोग मर्दों ,बच्चों को क़त्ल करने लगे .और औरतों को पकड़ने लगे .बिलाल और इब्ने उमर जुबैरिया को नबी के हवाले कर दिया .नबी को वह पसंद आगयी .बुखारी -जिल्द 3 किताब 46 हदीस 417
9. लूट में मुहम्मद भी शामिल था
”ओन ने कहा कि इस लूट में अधिकाँश लोग मारे गए जिनमे बड़े बच्चे भी थे औरते जब भाग रही थीं नबी ने जुबैरिया को पकड लिया ,और नबी ने अब्दुला बिन उमर को और औरतें पकड़ने को कहा .मुस्लिम -किताब 19 हदीस 4292
10. मुहम्मद की जुबैरिया से शर्त
”जुबैरिया काफी सुन्दर थी .जब जुबैरिया ने अपना परिचय दिया तो मुहम्मद ने जुबैया से सौ लोगों की जान के बदले उसी समय सम्भोग करवाने की नीचतापूर्ण शर्त रख दी .विवश होकर जुबैरिया मान गयी .अबू दौउद -किताब 29 हदीस 3290
”जुबैरिया काफी सुन्दर थी .जब जुबैरिया ने अपना परिचय दिया तो मुहम्मद ने जुबैया से सौ लोगों की जान के बदले उसी समय सम्भोग करवाने की नीचतापूर्ण शर्त रख दी .विवश होकर जुबैरिया मान गयी .अबू दौउद -किताब 29 हदीस 3290
11. जुबैरिया मुहम्मद को टालती रही
मुहम्मद जुबैरिया से उसी समय सम्भोग करना चाहता ,लेकिन जुबैरिया बहाने करतीरही कि उसका उपवास है . जुबैरिया ने मुहम्मद से बहाने के लिए उपवास शुरू कर दिया ,लेकिन नबी ने उसका उपवास जबरन तुड़वा दिया .और जुबैरिया को शादी के बहाने उसी समय सम्भोग के लिए विवश कर दिया .बुखारी -जिल्द 3 किताब 31 हदीस 207
12. साफिया के साथ बलात्कार
उसी लूट में \”साफिया बिन्त हुहीय \”नामकी एक और लड़की भी मुहम्मद के हाथ आयी .वह किनाना की Chief Mistress थी साफिया सन 610 में पैदा हुई थी .जब मुहम्मद लूट के बाद अपने लुटेरों और पकड़ी गयी औरतों को लेकर वापस मदीने जा रहा था .वह रास्ते में \”सिद्द अश्शाबा \”नामकी जगह पर ठहर गया .उसने अपने गुलाम \”बिलाल \”से कहा कि बनू कुरेजा की किसी सुन्दर औरत को लाओ .बिलाल ने साफिया को पेश कर दिया .बुखारी -जिल्द 2 किताब 14 हदीस 68
उसी लूट में \”साफिया बिन्त हुहीय \”नामकी एक और लड़की भी मुहम्मद के हाथ आयी .वह किनाना की Chief Mistress थी साफिया सन 610 में पैदा हुई थी .जब मुहम्मद लूट के बाद अपने लुटेरों और पकड़ी गयी औरतों को लेकर वापस मदीने जा रहा था .वह रास्ते में \”सिद्द अश्शाबा \”नामकी जगह पर ठहर गया .उसने अपने गुलाम \”बिलाल \”से कहा कि बनू कुरेजा की किसी सुन्दर औरत को लाओ .बिलाल ने साफिया को पेश कर दिया .बुखारी -जिल्द 2 किताब 14 हदीस 68
13. रास्ते में ही बलात्कार
मुहम्मद ने मदीना पहुँचाने तक सब्र नहीं किया .और तुरंत बलात्कार कर डाला .इसकी कई हदीसें है ,कुछ दे रहे हैं . ”मुहम्मद ने बिलाल से एक चमड़े का गद्दा बिछाने को कहा ,जिसमे खजूर के पत्ते कूट कर भरे थे .रसूल ने साफिया को उसी पर गिरा कर सबके सामने सम्भोग किया .मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3329
बुखारी -जिल्द 1 किताब 8 हदीस 367
बुखारी -जिल्द 3 किताब 34 हदीस 437
बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 512
मुहम्मद ने मदीना पहुँचाने तक सब्र नहीं किया .और तुरंत बलात्कार कर डाला .इसकी कई हदीसें है ,कुछ दे रहे हैं . ”मुहम्मद ने बिलाल से एक चमड़े का गद्दा बिछाने को कहा ,जिसमे खजूर के पत्ते कूट कर भरे थे .रसूल ने साफिया को उसी पर गिरा कर सबके सामने सम्भोग किया .मुस्लिम -किताब 8 हदीस 3329
बुखारी -जिल्द 1 किताब 8 हदीस 367
बुखारी -जिल्द 3 किताब 34 हदीस 437
बुखारी -जिल्द 5 किताब 59 हदीस 512
14. मुहम्मद की इस्लामी बलात्कार की विधि
चूकी मुहम्मद पकड़ी गयी जादा औरतों से बलात्कार करके उन्हें या तो अपने लोगों में बाँट देता था या बेच देता था .वह औरतों को गर्भवती नहीं होने देता था .गर्भवती औरतों की कीमत कम हो जाती थी .इसके लिए मुहम्मद सम्भोग में \”अज़ल \”करता था .इसमे सम्भोग के बाद स्खलन से पूर्व अपना वीर्य जमीन पर गिरा दिया जाता है .पुरी विधि यह है -
Al-\’Azl, (العزل) also known as coitus interruptus, is the practice of having sexual intercourse with a woman but withdrawing the penis before ejaculation. Apparently al-\’Azl with female captives and slaves was a pretty important topic for Muhammad and his companions as is evidenced by the abundance of Hadith material on the subject
चूकी मुहम्मद पकड़ी गयी जादा औरतों से बलात्कार करके उन्हें या तो अपने लोगों में बाँट देता था या बेच देता था .वह औरतों को गर्भवती नहीं होने देता था .गर्भवती औरतों की कीमत कम हो जाती थी .इसके लिए मुहम्मद सम्भोग में \”अज़ल \”करता था .इसमे सम्भोग के बाद स्खलन से पूर्व अपना वीर्य जमीन पर गिरा दिया जाता है .पुरी विधि यह है -
Al-\’Azl, (العزل) also known as coitus interruptus, is the practice of having sexual intercourse with a woman but withdrawing the penis before ejaculation. Apparently al-\’Azl with female captives and slaves was a pretty important topic for Muhammad and his companions as is evidenced by the abundance of Hadith material on the subject
15. अज़ल(sex) के समय कुरआन नाजिल होती थी
”जबीर ने कहा कि ,जब भी रसूल अज़ल करते थे कुरआन की आयत नाजिल होती थी .बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 136
”रसूल दासियों के साथ अज़ल करते थे ..बुखारी -जिल्द 7 किताब 62 हदीस 135
”अबू सईद ने कहा कि नबी ने कहा कि गुलाम औरतों से अज़ल जायज है .अल्लाह ने औरतों को इसी लिए बनाया है। अबू दौउद -जिल्द 11 किताब 21 हदीस 66
Sorry Allah (काल्पनिक चरित्र) हमसे न हो पाएगा , हमलोग वेद मार्गी है।
प्रश्न २: क्या पेड़-पौधे को दर्द का एहसास हो सकता है ?
उत्तर:- ज़ाकिर भाई आप मदरसे में शायद MBBS कर लिए है , पेड़-पौधे को दर्द का एहसास नहीं होता।
देखिये आज विज्ञान भी इस बात को मानता है और हमारे ऋषि मुनि भी वैज्ञानिक बाते ही करते थे।
As far as I know no reputable study has ever shown that plants can "feel pain". They lack the nervous system and brain necessary for this to happen. A plant can respond to stimuli, for example by turning towards the light or closing over a fly, but that is not the same thing.
Plant perception or biocommunication is the paranormal idea that plants are sentient, that they respond to humans in a manner that amounts to ESP, and that they experience pain and fear. The idea is not accepted, as plants lack a nervous system.
संसार में दो प्रकार के जगत हैं जड़ और चेतन. चेतन जगत में दो विभाग हैं एक चर और एक अचर. वृक्ष आदि अचर कोटि में आते हैं जबकि मानव पशु आदि चर कोटि में आते हैं.
महाभारत के अनुसार वृक्ष आदि में वनस्पति, औषधि, गुल्म, गुच्छ, लता, वल्ली, तृण आदि अनेक प्रजातियाँ हैं. (सन्दर्भ- ५८.२३)
मनु स्मृति में बीज या शाखा से उत्पन्न होने वाले को उदभिज्ज स्थावर बीज कहा गया हैं (सन्दर्भ- १.४६)
मनु स्मृति के अनुसार मनुष्य जब शरीर से पापाचरण करता हैं तो उसके फलस्वरूप अगले जन्म में वृक्ष आदि का जन्म पाता हैं (सन्दर्भ- १२.९)
मनु स्मृति के अनुसार जो मनुष्य अत्यंत तमोगुणी आचरण करते हैं या अत्यंत तमोगुणी प्रवृति के होते हैं तो उसके फल स्वरुप वे अगले जन्म में स्थावर = वृक्ष, पतंग, कीट ,मत्स्य , सर्प, कछुआ, पशु और मृग के जन्म को प्राप्त होते हैं.(सन्दर्भ- १२.४२)
आगे मनु महाराज स्पष्ट रूप में घोषणा करते हैं की पूर्वजन्मों के अधम कर्मों के कारण वृक्ष आदि स्थावर जीव अत्यंत तमोगुण से अवेषटित होते हैं. इस कारण ये अंत: चेतना वाले होते हुए आन्तरिक रूप से ही कर्म फल रूप सुख दुःख की अनुभूति करते हैं.वाह्य सुख सुख की अनुभूति इनको नगण्य रूप से होती हैं अथवा बिलकुल नहीं होती.
आधुनिक विज्ञान में वृक्षों में जीव विषयक मत की पुष्टि डॉ जगदीश चन्द्र बसु जीवात्मा के रूप में न करके चेतनता के रूप में करते हैं. देखा जाये तो दोनों में मूलभूत रूप से कोई अंतर नहीं होता क्यूंकि चेतनता जीव का लक्षण हैं. भारतीय दर्शन सिद्धांत के अनुसार जहाँ चेतनता हैं वही जीव हैं और जहाँ जीव हैं वही चेतनता हैं.
आधुनिक विज्ञान वृक्षों में जीव इसलिए नहीं मानता हैं क्यूंकि वो केवल उसी बात को मानता हैं जिसे प्रयोगशाला में सिद्ध किया गया हैं और जीवात्मा को कभी भी प्रयोगशाला में सिद्ध नहीं किया जा सकता.
डॉ जगदिश चन्द्र बसु पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने ऐसे यंत्रों का अविष्कार किया वृक्षों पौधों में वायु, निद्रा,भोजन, स्पर्श आदि के जैविक प्रभावों का अध्यनन किया जा सकता हैं.
यहाँ तक शास्त्रों के आधार पर यह सिद्ध किया गया हैं की वृक्ष आदि में आत्मा होती हैं.अब शास्त्रों के आधार पर यह सिद्ध करेंगे की वृक्ष आदि के काटने में अथवा पौधों आदि को जड़ से उखारने में हिंसा नहीं होती हैं.
संख्या दर्शन ५.२७ में लिखा हैं की पीड़ा उसी जीव को पहुँचती हैं जिसकी वृति सब अवयवों के साथ विद्यमान हो अर्थात सुख दुःख की अनुभूति इन्द्रियों के माध्यम से होती हैं. जैसे अंधे को कितना भी चांटा दिखाए , बहरे को कितने भी अपशब्द बोले तो उन्हें दुःख नहीं पहुँचता वैसे ही वृक्ष आदि भी इन्द्रियों से रहित हैं अत: उन्हें दुःख की अनुभूति नहीं होती. इसी प्रकार बेहोशी की अवस्था में दुःख का अनुभव नहीं होता उसी प्रकार वृक्ष आदि में भी आत्मा को मूर्च्छा अवस्था के कारण दर्द अथवा कष्ट नहीं होता हैं. और यहीं कारण हैं की दुःख की अनुभूति नहीं होने से वृक्ष आदि को काटने, छिलने, खाने से कोई पाप नहीं होता और इससे जीव हत्या का कोई भी सम्बन्ध नहीं बनता.
भोजन का ईश्वर कृत विकल्प केवल और केवल शाकाहार हैं और इस व्यस्था में कोई पाप नहीं होता. जबकि मांसाहार पाप का कारण हैं-
मनु ५.४८ के अनुसार प्राणियों के वध से मांस उपलब्ध होता हैं, बिना प्राणिवध किये मांस नहीं मिलता और प्राणियों का वध करना दुःख भोग का कारण हैं, अत: मांस का सेवन नहीं करना चाहिए.
ईश्वर की वाणी वेद का प्रमाण है कि —
१. मांसं न अश्नीयात् ॥ अर्थः मांस मत खाओ । २. मा नो हिंसिष्ट द्विपदो मा चतुष्पदः ॥ अथर्व॰ ११ । २ । १ ॥ अर्थः दो पग वाले (मनुष्य, पक्षी आदि) और चार पगवाले पशुओं को मत मारो । ३. इमं मा हिंसीर्द्विपाद पशुम् ॥ यजु॰ १३ । ४७ ॥ अर्थः इस दो खुर वाले पशु की हिंसा मत करो ।
ADMIN- MANISH ARYA
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